सोना शबाब में चांदी शराब में गई गाड़ी जो थी कर्जे के हिसाब में गई अना मेरी छुपी है या मर गई शायद ऎसे लगता है जैसे कि हिजाब में गई गुज़रा है कुछ रोज पहले गुलाब दिन हमारी भी सारी कमाई गुलाब में गई आधी जिंदगी निकल गई लिखते हुए आधी किसी जौन की किताब में गई मैं क्युं रोऊं मुझे तक़दीर से क्या गिला मगर मेरी ये पंखुड़ी किस किताब में गई जिंदगी हमे ऎसे कचोटती है रोज अब जैसे बेटी हमारी घर किसी खराब में गई #danginomics #gazal #nojotofirst