फ़ेसबुक एक मंच है ,कलाकार इनमें हज़ार किस किस को पढ़े और किस पर करे विचार? कहानी,कविता,राजनीति, धर्म का होता प्रचार झूट,फ़रेब, सच्चे,अच्छे,पोस्टो की यहाँ भरमार कोई यहाँ ज्ञानी है,तो अज्ञानी का भी है दरबार कॉपी पेस्ट की कारीगरों का खुला यहाँ बाजार लाइक,कॉमेंट,शयेर,ऑप्शन में करते है सब इज़हार किसी मे अछि विचार झलकता किसी मे है सँस्कार गालीगलौज, तर्क,वितर्क और ज्ञान की यहाँ भंडार कोई यहाँ विनम्र है, किसी मे झलकता अहंकार ना कोई किसीसे छोटा है ना है कोई जीत हार लीखने की सबकी आज़ादी है किउ करे प्रहार? पूरी दुनिया मुट्ठी में है ,हम सब है एक परिवार नफ़रत, द्वेष,घृणा, भूलकर आपस मे करो प्यार। #फेसबुक_की_दुनिया