तौहीन इश्क़ की करोगे तो, खुदा के दरबार में क्या जवाब दोगे, ए इंसान इश्क़ तो है अमृत से भी पवित्र, इसकी हमेंशा इबादत कर। इश्क़ तो है जीते जी जन्नत, अगर इसकी अहमियत समझ सको तो, इश्क़ तो है दो दिलों के जज़्बात, अगर इसे महसूस कर सको तो। इश्क़ तो है एक खूबसूरत सा एहसास, जिसे हो जाए वह खुद ही जानता है, इश्क़ से परे ना कोई, ना कोई इंसान, ना ही कोई हुकूमत। ग़र गुस्ताखी करोगे इश्क़ से खेलने की, तो खुदा भी तुम्हें माफ नहीं कर पाएगा, क्योंकि जिसका दिल तुम तोड़ते हो, उसके दिल में भी खुदा बसता है। -Nitesh Prajapati ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1060 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।