ठंड का सफर चालू हो चुका है! दिन छोटा रात बड़ा हो चुका है! और सुबह शाम का कोहरा और ये सारा का सारा समय ठंडा हो चूका है! इन सर्द हवाओं में पंछियो का इन आसमान मे उड़ना कम हो चुका है! ये सर्दियों के मौसम में ये मोहल सब उदासपन जादा हो चूका है! बस सोचतें सोचतें बदल जाता है मौसम जैसे कोई जादू हो चूका है! ©abhishek sharma #WinterEve