पुरानी दोस्ती को अब नई ताकत से मत तोलो ये संबंधों की तुरपाई है षड्यंत्रों से मत खोलों! मेरे लहज़े की छैनी से गढे़ कुछ देवता जो तब, मेरे लफ़्ज़ों पे मरते थे वो अब कहते हैं मत बोलो। kv