धूल भरी पुरानी डायरी के पन्नों के संग मिला ये ख़त कुछ पुरानी स्मृतियों के संग मिला है पुराना ये ख़त कुछ ज़ज्बात पुराने इसमें, कुछ ख़यालात निराले है लोट आया हूँ पुरानी दुनिया में, कुछ ज़ख्म पुराने है कुछ सिसकती आहें, तो कुछ हँसी की किलकारियाँ मासूम इश्क़ के अफ़साने, कुछ इश्क़ कि नादानीयाँ सूखे गुलाबों संग रखा महबूब का मासूम सा "दिल" देख ख़त के ज़ज्बात को बैठा जा रहा मेरा ये "दिल" रख कर उसे वापस वहीं, निराश हो लौट आया हूँ मैं संग अपने कुछ पुराने ज़ख्म और यादें ले आया हूँ मैं ♥️ Challenge-534 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।