उलझती है जिंदगी, सुलझते है ख्वाब है कुछ दिनों की चाँदनी, है कुछ दिनों का चाँद ना डरों इस पड़ाव पर, ना झुको मेरे यार हो जाएंगे सारे ख्वाब मुक्कमल, बस थोड़ा सब्र करो मेरे यार ।.. #Rahulbanait