क़दम क़दम पे बड़ी तन्हाई देखी है मेरे पाँव भी डगमगाने लगे थे l तेरी मंज़िल बड़ी दूर है रुक जा रास्ते भी मुझे यूँ समझाने लगे थे l कभी हार कर नही डरा मेरा वजूद मैं ख़ुद ही हैरान हूँ मेरे हौसलों से जिन्दगी में कामयाबी के मिटे हुए निशान भी दिखने लगे थे l Bhardwaj Only Budana