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इश्क मोहब्बत प्यार की बातें तुम्हें करनी नहीं है।

इश्क मोहब्बत प्यार की बातें तुम्हें करनी नहीं है। 
तो क्या? ये इश्क है या फिर कुछ भी नहीं है।

इश्क-ए-समंदर की गहराइयों में डूब कर चाहने लगा हूं। तुझको को जानती हो क्या? 
तू कभी मेरे इश्क के समंदर में उतरी है क्या?

 मेरी उम्र कुछ ऐसी है प्यार में हो जाए नादानियां कुछ वैसी है 
कमबख्त ना कि कोई नादानियां संभल कर रखा है अपने वैशे को। 

तुझको तो ना अब करनी है नादानी 
ना शादी के बाद करनी है महा नादानियां।

 क्या कहु तेरे ऐसे रवविये को गंभीर वक्त पर भी कहां है तूने न जाने कैसे अल्फाज को
टूट चुका था दिल से गिर रहे थे आंसू मर रहा था घुट घुट कर
 फिर भी ना कहा तूने वह सच ऐसा क्या मिला तुझको?
 झूठे अल्फाजों सी दस्तानों  से नीचे गिराया है तुमने अपने ही आपको। 

तेरा झूठ कोई चतुराई या उमन्दा बात की कोई कहानी नहीं है।
 तू गिर रही थी मेरी नजरों में तुझको ये पता ही नहीं हैं।

वो जो चाहता था तुझको टूट कर 
वो तो कब का मर चुका है जाने जा। 
वो जो हुआ करता था उसके अंदर 
अब वो ही मैं हूं सुना तो होगा ही। 
मेरे कमीनापन के बारे में उसकी जुबान से
याद नहीं कोई बात नहीं
अब तुम भी हमको याद नहीं।
 
जोर न दो दिमाग की नसों पर तुमने ही कहा हैं
छोड़ दो मुझको। तो सुनो तेरा हुकुम सर आंखों पर। त
इश्क मोहब्बत प्यार की बातें तुम्हें करनी नहीं है। 
तो क्या? ये इश्क है या फिर कुछ भी नहीं है।

इश्क-ए-समंदर की गहराइयों में डूब कर चाहने लगा हूं। तुझको को जानती हो क्या? 
तू कभी मेरे इश्क के समंदर में उतरी है क्या?

 मेरी उम्र कुछ ऐसी है प्यार में हो जाए नादानियां कुछ वैसी है 
कमबख्त ना कि कोई नादानियां संभल कर रखा है अपने वैशे को। 

तुझको तो ना अब करनी है नादानी 
ना शादी के बाद करनी है महा नादानियां।

 क्या कहु तेरे ऐसे रवविये को गंभीर वक्त पर भी कहां है तूने न जाने कैसे अल्फाज को
टूट चुका था दिल से गिर रहे थे आंसू मर रहा था घुट घुट कर
 फिर भी ना कहा तूने वह सच ऐसा क्या मिला तुझको?
 झूठे अल्फाजों सी दस्तानों  से नीचे गिराया है तुमने अपने ही आपको। 

तेरा झूठ कोई चतुराई या उमन्दा बात की कोई कहानी नहीं है।
 तू गिर रही थी मेरी नजरों में तुझको ये पता ही नहीं हैं।

वो जो चाहता था तुझको टूट कर 
वो तो कब का मर चुका है जाने जा। 
वो जो हुआ करता था उसके अंदर 
अब वो ही मैं हूं सुना तो होगा ही। 
मेरे कमीनापन के बारे में उसकी जुबान से
याद नहीं कोई बात नहीं
अब तुम भी हमको याद नहीं।
 
जोर न दो दिमाग की नसों पर तुमने ही कहा हैं
छोड़ दो मुझको। तो सुनो तेरा हुकुम सर आंखों पर। त