ईश्वर को जानना इतना भी मुश्किल न सोच बच्चे नादान शिद्दत की बस... कोमल निर्मल ह्रदय और कुछ न स्वाद जाने वही चखा जिसने... वैसे भी जूठन में क्या रखा..... वर्ना नास्तिक की फ़ौज न होती .. सनातन में ही खोज का माध्यम बस किताबी, विज्ञान, गुरु बखान... सब मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा पवित्र स्थान.... वर्ना ईश्वर के आगे ध्यान के लिये नेत्रों को बंद करने की क्या आवश्कता.... वशिष्ट बुद्ध नानक सूरदास बाल्मीकि... खोज के लिये एकांत की जरूरत न.... ©Mahadev Son ईश्वर को प्राप्ति का साधरण मंत्र.... 👍