उजालों से डर लगने लगा है , अंधेरों में खुदा का साथ लगने लगा है ।। झूठ और फरेब ये तो बस दास्तां है शब्दों के , साहेब , टूटती आवाज तो रात के सनाटो में गुजता है ।। मुझको अंधेरे में रख , किसी और की रात चांदनी कर गयी , मेरे प्यार को चांद की दाग दे गयी ।। रात की चांद तो एक ज़िंदा सबूत है , साहेब , कहीं किसी की महफ़िल तो , कहीं किसी की ढलती शाम होती है ।। मुझको अँधेरे में रखा... #अंधेरेमेंरखा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi