परेशानी हर इक़ है ताला कहीं हौसला तेरा है चाबी उसकी ही रुकावटें बंद करती हैं राहें माना चाहतें खोलती है रास्ते जानो भी शक़ जैसे कोई शिकस्त खुद से यकीं जैसे ताले की चाबी कोई खुद में बंद खुद से ही खुले जो कौन कैसा ताला कैसी चाबी कोई . धीर ताले