ज्यों क्षत विक्षत से घन त्यों ही बिखरा बिखरा मन घन में दिनकर शोभित मन मेँ छाया तिमिर सघन #YQdidi #अंजलिउवाच #घन #सघन #मन #दिनकर #क्षतविक्षत