सुना है खुले बालो मे तुम बहोत हसीन दिखती हों, एक तस्वीर हमें भी तुम अपनी दिखाना ना सुना है काली साड़ी मे और भी बेहतरीन लगती हों एक नजर पहन हमारे सामने भी तुम आना ना सुना है झुमके सजते है तुम्हारे कानो मे बहोत एक झुमका हमारे नाम का भी सजाना ना सुना है बिंदी चमकती है माथे पे तुम्हारे उस चमक से हमें भी चमकाना ना सुना है कंगन खनकते है तुम्हारी कलाइयो मे वो धुन हमें भी सुनाना ना और सुना है पायल छनकती है पेरो मे तुम्हारे वो महसूस हमें भी कराना ना जो हों जाए पूर्ण श्रृंगार तुम्हारा एक दीदार हमें भी कराना ना... एक दीदार हमें भी कराना ना... ©mr.vivek #GoldenHour #poetry_by_heart #poetry_addicts #poetrieslovers