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तरसते रहे उम्रभर कांधे पे सर रखकर जिनके आंसू बहने

तरसते रहे उम्रभर कांधे पे सर रखकर 
जिनके आंसू बहने को,

क्या पता था मुर्शीद 
वो एक रोज खुद रोते हुए 
हमे कांधा देगा। 

Sajan......✍️

©Sajan #कांधा
तरसते रहे उम्रभर कांधे पे सर रखकर 
जिनके आंसू बहने को,

क्या पता था मुर्शीद 
वो एक रोज खुद रोते हुए 
हमे कांधा देगा। 

Sajan......✍️

©Sajan #कांधा
sajan1030149988596

SAJAN

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