White मेरे मन की व्यथा उदासी का चादर ओढ़े, व्याकुलता से भरा, स्थिति कुछ ठीक नहीं, सोच में है पड़ा .. भारीपन सा लिए रहता, पर किसी से कुछ न कहता, मुस्कान धीमी न पड़े चेहरे की, ऐसी संवेदनाओं से है घिरा... सुकून और शांति की चाहत में, हमेशा हीं रहता है पड़ा, संशय में है रहता पर, किसी से कुछ भी कहने से है डरा... भावनाओं से ओतप्रोत, मानसिक प्रताड़ना से लिप्त, भाता अब नहीं कुछ, अब इसकी स्थिति नहीं कुछ ठीक.. सबकुछ छोड़ जाने को कहता, कभी ब्रह्मचर्य अपनाने को कहता, न सुनने वाला कोई इसे, न समझने वाला सामने रहता... दुविधा में रहनेवाला मेरा मन, किससे अपनी व्यथा सुनाए? पीड़ा, में हीं रहे साथ सब के, या फिर सबकुछ छोड़ जाये? ©अपनी कलम से #good_night Ritu Tyagi Anshu writer Pushpvritiya vineetapanchal Miss Anu.. thoughts sad poetry poetry in hindi hindi poetry hindi poetry on life poetry lovers very sad love quotes in hindi sad love shayari sad status shayari sad sad quotes