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मुसाफिर हूं , मुकद्दर की आश में बैठी हूँ, आश मेरा

मुसाफिर हूं , मुकद्दर की आश में बैठी हूँ,
आश मेरा मुकम्मल हो जाए यह सोचती हूं।।
बोल तो मीठे मिलते हैं , 
भरोसा न होता है।।
मुसाफिर हूं, नसीब मेरा बन जाए ,
अगर चाह मेरा मयस्सर हो जाए ।।

 #जिंदगी_का_सफर #जुबानी
मुसाफिर हूं , मुकद्दर की आश में बैठी हूँ,
आश मेरा मुकम्मल हो जाए यह सोचती हूं।।
बोल तो मीठे मिलते हैं , 
भरोसा न होता है।।
मुसाफिर हूं, नसीब मेरा बन जाए ,
अगर चाह मेरा मयस्सर हो जाए ।।

 #जिंदगी_का_सफर #जुबानी