बाल भी बांका न करना, किसी को किसी का, फिर भी, उसको हैं डर मुझसे, भीति मुझे भी उससे। इंतजार में हैं, पहले आप के, घंटो व्यतीत हुए, इसी कश्मकश में, बैठे बैठे। ना कोई हिला उधर से, ना कोई इधर से, अंजाम क्या होगा न जाने, अपनी अपनी जगह पर, बस आसन जमाए दोनों हैं बैठे। ©Ruchi Jha #fear_mouse