मैं वास्तविकता में विश्वास करुँ, सपने नहीं सजाता हूँ, खुली आँखों से सपने देखूँ, हवामहल नहीं बनाता हूँ। इच्छा शक्ति को करके प्रबल, सपनों से आगे निकल, पूरा करके लक्ष्य अपना, मैं ख़ुद सपना बन जाता हूँ। 🌝प्रतियोगिता-90 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"मैं और मेरे सपनें"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I