सुबह हो तो ऐसी हाथ मे हो कुल्हड़ वाली चाय स्वदेशी, सोंधी सी महक हो मेरे देश की मिट्टी की,अपनेपन जैसी, मान हो उन मेहनकश का जो आज भी धरोहर से जुड़े हैं, आज भी मिशाल कायम हैं, पूछते है मेरे देश को विदेशी, पूर्वजों से हस्तांतरित ये शिल्पी की सृजनात्मक कला हैं, सम्भाले हुए उनके दिए कौशल को तभी देश का भला हैं, कभी न भूलें देश की संस्कृति को,इसी में छुपा हमारा आधार हैं, साहित्य ही समाज का दर्पण बिन साहित्य तो समाज ही बेकार हैं शुभ प्रभात।🌸 हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें | #rzसुबह_ऐसी #yqrestzone #yqdidi #yqrz #collabwithrestzone #restzone #YourQuoteAndMine Collaborating with Rest Zone