नफ़रतों से कहाँ टूटे हैं , दिल ज़माने के ? मोहब्बत, सभी के दिल यहाँ पे तोड़ देती है । जिन बच्चों को छाती से लगाकर घूमती थी माँ! वो औलादें बुढ़ापे में, तड़पता छोड़ देतीं हैं। मुझे लगता है, दुनिया का यही दस्तूर है, शायद ये ज़रूरत पर, अकेला छोड़ देती है। मुक्कद्दर भी, किसी का क्या बिगड़ेगा ? शिद्दत हो इरादों में, तो किस्मत मोड़ लेती है। ईरादा कर लिया जाए, फिर किस बात से डरना? चिड़िया तो , तिनकों से घरौंदा जोड़ लेती है। ©Anant नफ़रतों से कहाँ टूटे हैं , दिल ज़माने के ? मोहब्बत, सभी के दिल यहाँ पे तोड़ देती है । जिन बच्चों को छाती से लगाकर घूमती थी माँ! वो औलादें बुढ़ापे में, तड़पता छोड़ देतीं हैं। मुझे लगता है, दुनिया का यही दस्तूर है, शायद ये ज़रूरत पर, अकेला छोड़ देती है। मुक्कद्दर भी, किसी का क्या बिगड़ेगा ? शिद्दत हो इरादों में, तो किस्मत मोड़ लेती है।