मेरी भाषा मीठा आच पऽ बनइह खीर, मिलीहऽ जहाँ न होए भीड़। देखायम उँहई अपन करेजा के घाव, देवी स्थान नीमवाऽ गाछीए के छाँव। जे बुझलहूं से बतईहऽ!!! ©RAVINANDAN Tiwari #MeriBhasha #मगही