अब होनी थी रस्म विदाई की, और फुट पड़ी रूलाई माई की, दुल्हनिया खड़ी खामोश थी, तु काहे खड़ी चुपचाप सी, तब बोल पड़ी मायुस सी कि अपनी मय्यत पर लाश नाहीं रोती। -Neha_Pandya #लाश