कही अनकही बातें, हैं रखी बचाकर बारिश के एक मौसम के लिए, सौ ख़्वाहिश के लिए, सौ हसरत के लिए सिर्फ़ तुम्हारे हमारे लिए। ठंडी हवाओं से तन को मन को, तसल्ली मिलेगी अरमानों को भी, और झोका मिलेगा चाहतों का, संभलना फ़र्दा हिज्र रातों के लिए। चलो छोड़ो कल की, आज क्यों इस मौसम को यूँ खाली हाथ भेजें, दिखला दे झलक मोहब्बत की इन्हें भी, झूम के बरस जाने के लिए। अम्बर तले तो मिले हमेशा, आओ इसबार तुम्हें छाते से संसार दिखाऊं, प्यार दिखाऊं आँखों में, कुछ पल को और ठहर जाने के लिए। तू मुझे गुलाबों से अज़ीज़, तू नाजुक़, कठोर बूँदे तेरे देह को न छूने पाये, आजा बाहों में इसी बहाने से, मुझे थोड़ा और पागल कर जाने के लिए। सात रंग इंद्रधनुष के हम तुम ज़िन्दगी में मिलकर सजायेंगे, महकाएंगे, भरोसा रखना मुझपर, दिल तुम्हारा अमानत मेरी, नहीं ये दुखाने के लिए। ♥️ Challenge-923 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।