कहने को बहुत हैं इस जहां में हमारे लोग पर वक्त पड़े तो नहीं बनते हैं सहारे लोग शाबाशी मिलती है पार करो जो समंदर-ए-जिंदगी अगर डूब गए तो चुपचाप देखते हैं किनारे लोग #कहने #जहां #लोग #सहारे #शाबाशी #चुपचाप #गुमनाम_शायर_महबूब #gumnam_shayar_mahboob