तुम्हें नही लगता रिशु तुम ज्यादा लिखते हो? जितनी असलियत है, उससे ज्यादा दिखते हो? तुम्हें नही लगता, जो पढ़ता है वो सच्चाई जानता है? या फिर तुम अपनी हुनर ए शायरी की रोटियां सेंकते हो? तुम्हे नही लगता दुनिया तुझसे ज्यादा समझदार है? और तुम खां म खां, गला फाड़ते हो, चीखते हो? या तुम्हे तलब है वाह वाही की, तारीफों की, जो अपनी किसी बात पे नही टिकते हो? #yqbhaijan #यकडीडी #yqdidi