कैप्शन में पढ़े, अब नहीं होता तो भी किसी से मांग कर ला कर देते उन्हें कहते हमारी तनख्वाव आने पर दे देंगे , फिर मदद कर देते जब वक्त आया पैसे लौटाने का तो सौ बहाने बनाने लगते, और आंख दिखाने लगते फिर जिससे लिया हुआ उसको तो चुकाना पड़ता है तो घर जो अनाज स्टोर कर रखते थे उसे बेच कर पैसे दे देते, ऐसा बार बार का होने लग गया कभी कभी सोचते आगे से इनकी मदद ही नहीं करनी पर जब पैसे मांगे तो वो लोग टोने टोटके करने में लग गए कभी उनके बच्चे को बहला फुसलाकर ले जाते कभी किसी ओर बहाने से क्योंकि बच्चों को तो स्कूल जाना होता था, वो शक ना हों इसलिए सही समय पर छोड़ जाते बच्चों में जबरदस्त तरीके से बदलाव आने लगे घर मे कलेश का माहौल होने लगा
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