आखिर किस बात का हंगामा हो रहा था? हवाऐं बहुत गरम है आज कल फिजाओं की। जिधर देखिए बस हंगामे ही हंगामे है। आज़ाद देश हुआ अंग्रेजों से मगर। हम आजाद हो न सके इनकी निति से OM BHAKAT "MOHAN,(कलम मेवाड़ की)