विकसित हो रही है दुनिया आगे बढ़ रही है दुनिया, हँसी ठिठोली नहीं है घर में फोन और नेटवर्क से चल रही है दुनिया, तारों की रज़ाई नहीं है अब मखमल ओढ़ रही है दुनिया, ना खेलकर अब गिरते हैं बच्चे फोन ही है अब बच्चों की दुनिया, दिनों दिन इन्तेज़ार करते थे चिट्ठी के दो पल की देर से रिश्ते तोड़ रही है दुनिया, वो चिड़ियों की चहचहाहट कहाँ गाड़ियों के शोर से उठ रही है दुनिया, विकसित हो रही है दुनिया आगे बढ़ रही है दुनिया। #peace #duniyakibaatein #nature #loveyourself