رب کا شکر ادا کر بھائی वजूद ये तेरा ज़र्रा ज़र्रा मंसुबे तेरे मिट्टी हैं, ख़ुदा मेरा कहने वाले कहाँ क्या तेरी हस्ती है। उसने तुझे जान दी थोड़ी सी पहचान दी, तू निकला है उसे बचाने जिसने तुझे कमान दी। जिसे तू अपना मान के बैठा वो तो सबका मालिक है, सबको अपना मान ले बंदे तब तू उसके क़ाबिल है। रविकुमार वजूद ये तेरा ज़र्रा ज़र्रा मंसुबे तेरे मिट्टी हैं, ख़ुदा मेरा कहने वाले कहाँ क्या तेरी हस्ती है। उसने तुझे जान दी थोड़ी सी पहचान दी, तू निकला है उसे बचाने