अब उस का फ़न तो किसी और से मनसूब हुआ मैं किस की नज़्म अकेले में गुन्गुनाऊँगी [मनसूब= जुडा हुआ] जवज़ ढूंढ रहा था नई मुहब्बत का वो कह रहा था के मैं उस को भूल जाऊँगी [जवज़=कारण] *परवीन शाकिर* परवीन शाकिर की शायरी