महावीराय नम: जो हरते दुखियों के पीर, भरते है खुशियो के नीर, सत्य अहिंसा के साधक, ऐसे हैं जगद्गुरू महावीर। आचार्य शत् शत् नमन हैं, ये ध्यान मन सब अर्पण हैं, लीजिए शरण मे आपकी, मात्र ये अनुपम निवेदन है। हमे दया का भाव दीजिए, क्षमाशील स्वभाव दीजिए, क्रोध कोसो दूर हो हमसे, ऐसा सरल व्यवहार दीजिए। अनुपम अनूप #महावीरजयन्ती #MahaveerJayanti. #AnupamAnoop.