मैं बात करूं उस जमाने में , जहां दरिंदे घूमते रहते है इंसानों में । फिर बहन की इज्जत माटी कर दी , देवी पूजी जाती है जिस घराने में ।। बहन मनीषा पर हुए शर्मसार कृत्य पर कुछ लिखा है । अनु शीर्षक में पढ़ें जरूर 🙏 मैं बात करूं इस जमाने में , जहां दरिंदे घूमते रहते हैं इंसानों में । फिर बहन की इज्जत माटी कर दी , जहां देवी पूजी जाती उस घराने में ।। क्या कसूर था उस बेचारी का, जो आई थी घास लेने तुम्हारे खेतों में । मौका लगा पकड़कर घसीट दी, हड्डी तोड़ दी जुबान खींच दी बाजरा वाले खेतों में ।। कपड़े फाड़ दिए , खूनम-खून , बेजुबान अनसुन करदी कसर ना छोड़ी तुमने मारने में । कुत्तों जानवरों मुझे शक होता है तुम पर गंदे काम करते हो तुम खुद के खानदानौं में ।।