याद आते हैं वो बचपन के दिन (अनुर्शीषक में पढ़ें) याद आते हैं बचपन के दिन, वो खेलना, कूदना, मम्मी पापा की डाँट, वो दोस्तों के साथ झगड़ा, झगड़ा और दोस्ती का खेल चलते रहना, बस रोज़................. बस रोज़.................. बात बात पे लड़ना और फिर दोस्त बन जाना,