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नाज़ुक दिल नाज़ुक है दिल हमारा, बड़ी जल्द ही बुरा

नाज़ुक दिल

नाज़ुक है दिल हमारा,
बड़ी जल्द ही बुरा माने,
कभी बन सख्त करता है गुज़ारा,
इसे सम्भालना है न आसान मेरी मानें! 

सहलाकर, बहलाकर, फुसलाकर,
रखना इसे तुम नित सम्भालकर,
जितना इसको भड़काओगे दोस्तों,
उतना ये डगमगएगा संतुलन खोकर!

©Sita Prasad
  #kinaara #दिल #कविता