पेहेली बारिश पेहेली बारिश का पाणी जैसे, किसी खिलते हुवे गुलाब की पंखुडी जैसे, ठंडी हवाओं का झोका हो, हातो मैं गर्म सी चाय हो, आसमान से बुंदे गिरती हैं, जैसे लगता हैं, मोती बरसते हो, बारिश में पेड़ भिगे जैसे, बरसोसे इसी दिन की तलाश हो, बिजलिया चमके आसमान मैं लगे जैसे, कोई आतिश बाजी हो, उसे देख किसी के मन मैं कुछ घबराहट सी आहट हो, रास्तो पर चलते हुवे लगे जैसे की कोई चलती हुयी, किसी आयीने की सुरत हो, चलते हुवे बारिश को देख लगे जैसे, ये दिन क्यूँ ना ऐसे ही ठेहेर जाये यही दिल की ख्याईश हो #पेहेली बारिश पेहेली बारिश का पाणी जैसे, किसी खिलते हुवे गुलाब की पंखुडी जैसे, ठंडी हवाओं का झोका हो, हातो मैं गर्म सी चाय हो, आसमान से बुंदे गिरती हैं, जैसे लगता हैं, मोती बरसते हो,