हर शहर शैंतान है इंसान कहाँ गये इंसानियत का प्रसाद लिए फिरते थे जो फरिश्ते , वो फरिश्ते कहाँ गये , हर रात सिशकती हैं बेटियाँ कल किसकी चितां जलेगी, बन कांली निकल जाये शैता़नो का संहार करने को ये तो बताओ न्याय की तलवार कहाँ गयी शर्म के गहने उतार कर फेंक दिये तुमनें ये मत कहना आँखों की हया़ कहा गयी anju ©Anju Dubey झाँसी की रानी #Darknight