Nojoto: Largest Storytelling Platform

भाग..6.. शीर्षक..राघव और सुजाता के चर्चे हर जगह ह

भाग..6.. शीर्षक..राघव और सुजाता के चर्चे हर जगह
 हो रहे थे।
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
फिर सुजाता अपनी मां से बोली.........मां राघव अच्छा 
लड़का है..... मैं साथ बैठकर बात ही तो करती हूं। मैंने
गलत क्या किया.......बताओ तो सही....मां सुजाता से 
बोली....मेरी बेटी,मेरे परिवार का कोई शिकायत करें...
मैं यह सहन नहीं कर सकती!सुजाता बोली...मां तुमने 
और बाबा ने  मिलकर मुझेक्ष जन्म दिया है! तुमने मुझे 
अपने कोख में 9 महीने तक रखा,दर्द सही, मुझे पोसा-
पाला , बड़ा किया... मैं तुम्हारे बगैर कैसे कुछ भी सोच 
सकती हूं और कैसे कुछ गलत  कर सकती हूं!तुम मेरी 
मां नहीं  बल्कि  मेरी देवी मां हो। बाबा  नहीं है तो क्या 
हुआ वह मेरे  सबसे  बड़े  भगवान हैं । आप  लोगों का 
अपमान नहीं होने दूंगी और ना कभी करूंगी.........मां 
सुजाता से बोली........तुम सब जानते हुए भी राघव से 
क्यों बात करती हो, क्यों मिलने जाती हो?तुम पर कोई 
उंगली उठाए,यह मुझे थोड़ा भी पसंद नहीं......सुजाता 
बड़े भोलेपन से मां से बोली.......राघव से बात करने में 
अच्छा लगता  है  इसलिए साथ  बैठकर बात करती हूं!
फिर सुजाता बोली....ठीक है ना जब तुम चाहती हो कि 
मैं राघव से बात नहीं करूं और नहीं मिलूं तो.... मैं अब
नहीं मिलूंगी और नहीं बात करूंगी!मां चुपचाप सुजाता 
की बातें सुनती रही और  उसके  आंखों को देखती रही
जो आंसुओं से डबडबाने को आतुर थे।
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
आगे भाग..7... पढ़ें.......प्रमोद मालाकार की कलम से
24.07.2021...95...
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""

©pramod malakar #Unframedराघव और सुजाता के चर्चे...95...

#DearCousins
भाग..6.. शीर्षक..राघव और सुजाता के चर्चे हर जगह
 हो रहे थे।
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
फिर सुजाता अपनी मां से बोली.........मां राघव अच्छा 
लड़का है..... मैं साथ बैठकर बात ही तो करती हूं। मैंने
गलत क्या किया.......बताओ तो सही....मां सुजाता से 
बोली....मेरी बेटी,मेरे परिवार का कोई शिकायत करें...
मैं यह सहन नहीं कर सकती!सुजाता बोली...मां तुमने 
और बाबा ने  मिलकर मुझेक्ष जन्म दिया है! तुमने मुझे 
अपने कोख में 9 महीने तक रखा,दर्द सही, मुझे पोसा-
पाला , बड़ा किया... मैं तुम्हारे बगैर कैसे कुछ भी सोच 
सकती हूं और कैसे कुछ गलत  कर सकती हूं!तुम मेरी 
मां नहीं  बल्कि  मेरी देवी मां हो। बाबा  नहीं है तो क्या 
हुआ वह मेरे  सबसे  बड़े  भगवान हैं । आप  लोगों का 
अपमान नहीं होने दूंगी और ना कभी करूंगी.........मां 
सुजाता से बोली........तुम सब जानते हुए भी राघव से 
क्यों बात करती हो, क्यों मिलने जाती हो?तुम पर कोई 
उंगली उठाए,यह मुझे थोड़ा भी पसंद नहीं......सुजाता 
बड़े भोलेपन से मां से बोली.......राघव से बात करने में 
अच्छा लगता  है  इसलिए साथ  बैठकर बात करती हूं!
फिर सुजाता बोली....ठीक है ना जब तुम चाहती हो कि 
मैं राघव से बात नहीं करूं और नहीं मिलूं तो.... मैं अब
नहीं मिलूंगी और नहीं बात करूंगी!मां चुपचाप सुजाता 
की बातें सुनती रही और  उसके  आंखों को देखती रही
जो आंसुओं से डबडबाने को आतुर थे।
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
आगे भाग..7... पढ़ें.......प्रमोद मालाकार की कलम से
24.07.2021...95...
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""

©pramod malakar #Unframedराघव और सुजाता के चर्चे...95...

#DearCousins