खुद को खुद से दूर पाया हमने। दफ़न किए हजारों उलफ़त ए राज़ फिर न किसी को बताया हमने। यूं तो मेरे हालात पर खुश थे वो उसकी खुशी को अपनी खुशी बनाया हमने। रात अंधेरे में उजाला ढूढने निकले थे घर जला तो खुद को रोशन पाया हमने। हजारों ख्वाहिशें दिल ए अरमां हजार हर ख्वाहिश पर खुद को टूटता पाया हमने। करते रहें इंतज़ार एक तरफा मोहब्बत में मिला उलफ़त ए हिज्र न किनारा पाया हमने। आईने के सामने... #आईनेकेसामने #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi