ये कैसा है तेरा प्यार पिया डर डर के अब तुम जीते हो पहले अपने हाथों से ज़ख्म दिये अब उन ज़ख़्म को खुद ही सीते हो कब टिकते हो अपने वादों पर बस इश्क इश्क तुम लिखते हो जब होती है रात वहाँ पानी में आग मिलाकर पीते हो... ♥️ Challenge-689 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।