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लोग बहुत कुछ कह जाते हैं। हम चुपचाप सुने जाते हैं।

लोग बहुत कुछ कह जाते हैं।
हम चुपचाप सुने जाते हैं।।
शाम सबेरे इन आंखों में।
गम के शाए लहराते हैं।।
तेरी यादों में खोकर हम।
 खुद को भूल ही जाते हैं।।
वक्त पुराना जादूगर है ।
इसके जादू चल जाते हैं।।
उम्मीदों की कलियां खिलकर।
कितनी जल्दी मुरझाती हैं।।
काम नहीं आते कुछ वादे।
जब इन्सान बदल जाते हैं।।
    अरुण त्रिपाठी

©Arun Tripathi #Sea
लोग बहुत कुछ कह जाते हैं।
हम चुपचाप सुने जाते हैं।।
शाम सबेरे इन आंखों में।
गम के शाए लहराते हैं।।
तेरी यादों में खोकर हम।
 खुद को भूल ही जाते हैं।।
वक्त पुराना जादूगर है ।
इसके जादू चल जाते हैं।।
उम्मीदों की कलियां खिलकर।
कितनी जल्दी मुरझाती हैं।।
काम नहीं आते कुछ वादे।
जब इन्सान बदल जाते हैं।।
    अरुण त्रिपाठी

©Arun Tripathi #Sea