हम सब बता देंगे तो समझोगे क्या हर जख्म दिखा देंगे तो समझोगे क्या होठों पर मेरे ज़माने भर की पाबंदी है हम धड़कन सुना देंगे तो समझोगे क्या बारजे पर मत आना लोग देख लेंगे हम बस परदे हटा देंगे तो समझोगे क्या जिस रोज़ चलेगी हवा उस ओर कुछ फूल उड़ा देंगे तो समझोगे क्या हर बार मिलने पर निगाहें तुमसे हम नज़र झुका लेंगे तो समझोगे क्या इस इश्क़ से बड़ा डर लगता है हमें हम निगाहें चुरा लेंगे तो समझोगे क्या ©Rachit Kulshrestha Tum samjhoge kya #Rachitkulshrestha #dilkibaat #alone Poetrywithakanksha