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जब आधी रात तुम्हारे सपने से नींद खुल जाती है, जब र

जब आधी रात तुम्हारे सपने से नींद खुल जाती है,
जब रात बाकी करवट बदलने में काटी जाती है,
जब सुबह सुबह मन तुमसे बात करने को मचलता है,
जब रह रह कर हाथ फ़ोन को जाता है,
जब दिल और दिमाग के बीच अंदरद्वंध चलता है,
जब फ़ोन डायरी से तुम्हारा नंबर ढूंढा जाता है,
जब पहले वाक्य का अभ्यास बार बार होता है,
जब घडी में 9 बजने का इंतज़ार रहता है,
जब साथ बिताये पलो की यादों का झोका बहता है,
जब समय बिताने के लिए पुरानी तस्वीरेँ देखी जाती है,
तब साथ खींची वो आखिरी तस्वीर सामने आती है,
और उसके नीचे तुम्हारे हाथों से लिखा 'आखिरी अलविदा' दिखता है,
तब कुछ एक आँसू आँखों में झलक आते है,
मखमली दिल फिर पत्थर बन चलता है,
दिमाग दिल को सच्चाई सब याद दिलाता है,
दिल बेचारा आज फिर बेबस हो हार जाता है,
दिल बेचारा आज फिर बेबस हो हार जाता है |

                                           ~vishwa #nojoto #hindi #hindipoem #kavita #vishwapoem
जब आधी रात तुम्हारे सपने से नींद खुल जाती है,
जब रात बाकी करवट बदलने में काटी जाती है,
जब सुबह सुबह मन तुमसे बात करने को मचलता है,
जब रह रह कर हाथ फ़ोन को जाता है,
जब दिल और दिमाग के बीच अंदरद्वंध चलता है,
जब फ़ोन डायरी से तुम्हारा नंबर ढूंढा जाता है,
जब पहले वाक्य का अभ्यास बार बार होता है,
जब घडी में 9 बजने का इंतज़ार रहता है,
जब साथ बिताये पलो की यादों का झोका बहता है,
जब समय बिताने के लिए पुरानी तस्वीरेँ देखी जाती है,
तब साथ खींची वो आखिरी तस्वीर सामने आती है,
और उसके नीचे तुम्हारे हाथों से लिखा 'आखिरी अलविदा' दिखता है,
तब कुछ एक आँसू आँखों में झलक आते है,
मखमली दिल फिर पत्थर बन चलता है,
दिमाग दिल को सच्चाई सब याद दिलाता है,
दिल बेचारा आज फिर बेबस हो हार जाता है,
दिल बेचारा आज फिर बेबस हो हार जाता है |

                                           ~vishwa #nojoto #hindi #hindipoem #kavita #vishwapoem
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Vishwa Singh

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