चलते -चलते कहि थक ना जाऊ, मेरा सहारा तुम बनो तैरते-तैरते कहि डूब ना,मेरा किनारा तुम बनो यू तो हकीकत है,रिश्ता निभाना बहोत कठिन है मगर,जरूरत है तुम्हारी गुजारा तुम बनो (मुरली) मुरली