।दो सितारे चल दिये। दो दिन में दो सितारे चल दिये। आसमाँ से सितारे बिखर गये।। सरहद तेरे यादों में डूब गया। तेरी कलाकृतियाँ रंग बिखेर चला।। दो दीन में दो सितारे चल दिये। तू कहीं भी रहो,आँखें तुझे देखता रहेगा। गम भी तेरे यादों से नम यूँ ही बना रहेगा।। तूने छवि छोड़ चला, अरमाँ बिखेर गया। दो दिन में दो सितारे चल दिये।। ऐसा क्या विपदा छा गया ,जग तूने छोड़ चला। कला में खूब रंग तूने दिया, सितारे तुम डूब गये।। हिज्र हो के भी बहुत याद आओ गे तुम । दो दिन में दो सितारे चल दिये।। संगीत कुमार /जबलपुर ✒️स्व-रचित 🙏🙏 ।दो सितारे चल दिये। दो दिन में दो सितारे चल दिये। आसमाँ से सितारे बिखर गये।। सरहद तेरे यादों में डूब गया। तेरी कलाकृतियाँ रंग बिखेर चला।। दो दीन में दो सितारे चल दिये।