हम मुसाफिरों का कहाँ पुख्ता ठिकाना होता है, शाम जहाँ ढल जाये, वहीं अशियाना होता है; कैसा अजीब मर्ज है यह दर्द ए मुहब्बत भी, मीठा लगने लगता है, जैसे जैसे पुराना होता है; अपनी हस्ती मिटा लेतें हैं लोग, अना के वास्ते, यूँ कहने को तो ज़रा सा, सर झुकाना होता है; उन्हें भी गुमनामी की मौत मरते देखा है खुशहाली में जिनके साथ, ज़माना होता है!! #lifelessons #stilllife #restzone #inspiredbylife #merikalamse #meridiary #divyanikidairyse #yqdidi