कहाँ रह गए इतने दिनों से एक बार तो हाल पुँछ लो कुछ कह दो अपने मन की भले ही मेरी न सुनो ये जो तुम्हारी स्याही...गुदगुदी करती है न लगता है जैसे...लौट आया मेरा बचपन युहीं खेल लिया करो न गाहे बगाहे दो पल के लिए ही मुझे भी महसूस हो की मेरा भी वजूद है छोटा ही सही हाँ मैं भी जिंदा हूँ तुम्हारे शब्दों से। #nammy27 #yqdidi #collab #काग़ज़पूछरहा #कागज़औरस्याही #fiftythquote एक लेखक को कागज़ से बातें करती रहनी चाहिए वरना ये कागज़ के खयालों को रोक नही पाएंगे।