बंधती कलाई पर हाथ की पर हाथ के बस में नहीं रखती है व्यस्त, आदमी के लेकिन यह बस में नहीं होकर न हुई अपनी ये घड़ी भी एक अजीब चीज़ है. महंगी है या सस्ती का नहीं भेद वफ़ादार है यह ग़रीब या अमीर नहीं समय है सबका यही घड़ी-घड़ी, हर घड़ी, घड़ी ही की तो जीत है सोये का नहीं मीत ये घड़ी भी अजीब चीज़ है. ©Shiv Narayan Saxena घड़ी-घड़ी.... #alarmclock