ये जो लोगों के बेतुके ताने हैं, कमबख्त यही जीने के बहाने है.. हर दिन मुझमे नयी कमी नजर में आती है, जैसे हर नजर हमें बेवजह आजमाती है.. ये जो लोगों के मशवरे है न, सच कहुँ तो कटघरे हैं.. जहाँ परखे जाते हैँ हम, हम कितने फीसद खरे हैं.. ये जो लोगों का नजरिया है न, वही जड़ से बदलना है, इतना रोशन इतना निखरना है.. कि ताने,'तारीफों' में, और नजरिया 'नाज' में बदल जाये.. सपना चंचल ✍️ ©Chanchal's poetry #Criticisms #Critics #Life_experience #Goals #walkalone