"महेश नवमी "की रुत है आई, अपने " भोलेनाथ" को प्रसन्न करने ।। ये भक्तों की टोली है आई, नगर में बोल-बम वालों का हला मच गया।। न धन दौलत के भूखे है हम, न ऐशो आराम की लालसा हमें ; "महेश "जिनका नाम है, कैलाश पर्वत जो करते वास है।। नमन करते है हम "महेश" के चरणों में, कि हम "महेश्वरी के वंशज " होने का गर्व महसूस करते है।। हमारी रिती-रिवाज और परंपरा सबसे हटकर है, चाहे गणगौर हो, चाहे तीज हो।। संस्कृति और संस्कार हम न छोड़ेंगे, हर जन्म में "महेश्वरी के वंशज"हम कहलाना चाहेंगे।। जय महेश जय महेश्वरी ~सुरभि लड्डा जाजपुर रोड़ ©I_surbhiladha #maheshnavami #Maheshwari #Mahesh #isurbhiladha #nojato #kavita #महेशनवमी #Poet